धर्मपुर में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर 8.5 लाख की ठगी, तीन आरोपी इंदौर से गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर 8.5 लाख रुपये की चपत लगा दी। इस मामले में पुलिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ठगों ने पीड़ित को फोन कॉल और वीडियो कॉल के जरिए डराकर उनके बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करवाए। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को दर्शाती है, जिसके खिलाफ हिमाचल पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है।

मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स)

  • ठगी का तरीका: फर्जी टेलीकॉम और पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ित को डराया गया।
  • राशि: पीड़ित से 8.5 लाख रुपये (50,000 और 8 लाख) दो खातों में ट्रांसफर करवाए गए।
  • गिरफ्तारी: तीन आरोपी महेश पाटीदार, रोहित, और श्याम कुमार पाटीदार इंदौर से गिरफ्तार।
  • पुलिस कार्रवाई: साइबर सेल की मदद से आरोपियों को पकड़ा गया, चार दिन का पुलिस रिमांड।
  • जांच: पुलिस अन्य संभावित ठगी मामलों की भी जांच कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

11 नवंबर 2024 को धर्मपुर निवासी एक व्यक्ति को एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम अधिकारी बताया और कहा कि पीड़ित के नाम पर एक मोबाइल नंबर से अपराध हो रहा है। इसके बाद कॉल को कथित मुंबई पुलिस अधिकारी संदीप राव से जोड़ा गया। राव ने पीड़ित को बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी में हुआ है।

ठगों ने पीड़ित को और डराने के लिए एक वीडियो कॉल पर कथित पुलिस अधिकारी से जोड़ा। साथ ही, एक फर्जी वेबसाइट लिंक भेजा, जिसमें पीड़ित के नाम पर गिरफ्तारी आदेश और आरबीआई जांच नोटिस दिखाया गया। डर के मारे पीड़ित ने पहले 50,000 रुपये और फिर 8 लाख रुपये दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।

जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ, उन्होंने धर्मपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने मामले की पुष्टि की और बताया कि साइबर सेल की मदद से इस ठगी के पीछे के अपराधियों को पकड़ा गया।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

धर्मपुर पुलिस ने साइबर सेल के साथ मिलकर तकनीकी जांच शुरू की। जांच के दौरान ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबर और बैंक खातों का पता लगाया गया। 25 अप्रैल 2025 को पुलिस ने इंदौर, मध्य प्रदेश में जाल बिछाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:

  1. महेश पाटीदार, निवासी खरगोन, मध्य प्रदेश
  2. रोहित, निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश
  3. श्याम कुमार पाटीदार, निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश

पुलिस ने इंदौर कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर आरोपियों को धर्मपुर लाया। कोर्ट ने उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। पुलिस अब इन आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उन्होंने अन्य लोगों के साथ भी ऐसी ठगी की है।

साइबर ठगी का नया तरीका

यह मामला साइबर ठगी के एक नए और खतरनाक तरीके को उजागर करता है। ठग लोग अब निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं:

  • फर्जी अधिकारी बनना: ठग खुद को टेलीकॉम, पुलिस, सीबीआई, या आरबीआई अधिकारी बताते हैं।
  • डिजिटल डर: वीडियो कॉल, फर्जी वेबसाइट, और नकली दस्तावेज दिखाकर लोगों को डराया जाता है।
  • पैसे ट्रांसफर: डर के कारण लोग अपने बैंक खातों से ठगों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।

हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। हाल ही में कुल्लू में एक व्यक्ति से 36 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था, जहां ठगों ने नकली आईपीएस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट किया था।

साइबर ठगी से कैसे बचें?

साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  1. अनजान कॉल पर भरोसा न करें: कोई भी व्यक्ति अगर फोन पर खुद को अधिकारी बताए, तो तुरंत उसकी पहचान जांचें।
  2. लिंक पर क्लिक न करें: अनजान नंबरों से आए लिंक या वेबसाइट पर व्यक्तिगत जानकारी न दें।
  3. पैसे ट्रांसफर करने से पहले जांच करें: किसी भी तरह का पैसा ट्रांसफर करने से पहले परिवार या पुलिस से सलाह लें।
  4. साइबर हेल्पलाइन: ठगी की शिकायत के लिए 1930 पर कॉल करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें।
  5. जागरूकता: अपने आसपास के लोगों को साइबर ठगी के तरीकों के बारे में बताएं।

हिमाचल पुलिस ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए साइबर थाना मंडी में संपर्क नंबर 01905-226900 और ईमेल pscyber-cr@hp.gov.in जारी किया है।

हिमाचल पुलिस की सख्ती

हिमाचल पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। हाल के महीनों में कई ठग गिरोहों का पर्दाफाश किया गया है:

  • सोलन: डिजिटल अरेस्ट के मामले में तीन आरोपियों को उदयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने 18.65 लाख रुपये की ठगी की थी।
  • सिरमौर: फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर ठगी करने वाली एक महिला को पांवटा साहिब से गिरफ्तार किया गया।
  • शिमला: सीआईडी अधिकारी बनकर मरीजों के तीमारदारों से ठगी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने कहा कि साइबर ठगी के खिलाफ जागरूकता और सख्त कार्रवाई दोनों जरूरी हैं। पुलिस जनता से अपील करती है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

निष्कर्ष

धर्मपुर में हुई इस 8.5 लाख रुपये की ठगी ने एक बार फिर साइबर अपराध के खतरे को उजागर किया है। फर्जी पुलिस अधिकारियों के जाल में फंसने से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। हिमाचल पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। हमें अपने स्तर पर भी सतर्क रहना होगा ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज मिले, तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें और अपने पैसे और जानकारी को सुरक्षित रखें। हिमाचल को साइबर अपराध मुक्त बनाने के लिए हम सबका सहयोग जरूरी है।

Total
0
Shares
Related Posts
हिमाचल में वाहनों में डस्टबिन अनिवार्य अपडेट 2025- himachalgovt
Read More

हिमाचल में वाहनों में डस्टबिन अनिवार्य: परिवहन विभाग की सख्ती, बिना कूड़ेदान के नहीं होगी गाड़ी पास

हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग ने एक बड़ा कदम…
एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला में नए कोर्स शुरू करने की मांग ताजा अपडेट 2025- himachalgovt
Read More

एचपीयू रीजनल सेंटर धर्मशाला में नए कोर्स शुरू करने की मांग: ताजा अपडेट 2025

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) का रीजनल सेंटर धर्मशाला निचले हिमाचल के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण…